शारदीय-नवरात्र / śāradīya-navarātra
श्रीदेवीअथर्वशीर्षम् / / śrīdevī-atharvaśīrṣam
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The शारदीय-नवरात्र / śāradīya-navarātra (9 nights of devotion to Goddess) have begin.
One can worship and devote Devi, The Goddess, the Mother Principle Shakti for all well.
However, There are also two more auspicious occasions;
One on 16th October, 2018
And another later on
On 23rd October, 2018
During these 2 nights one can recite the above prayer to Goddess.
One can perform this on the above from the sun-set to the next sun-rise.
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शारदीय नवरात्र प्रारंभ हो चुके हैं।
माँ शक्ति की आराधना करनेवाले आश्विन मास में होनेवाले इस नवरात्र में अपने अपने तरीके से तो माँ की पूजा-आराधना करते हैं किंतु इसी मास में एक विशिष्ट योग बनता है है जिसे
भौमाश्विनी (अमृतसिद्धि-योग) / bhaumāśvinī (amṛtasiddhi-yoga)
कहते हैं।
इस माह के 16 ऑक्टोबर तथा 23 ऑक्टोबर की रात्रि में यह अवसर प्राप्त हो सकता है।
इस रात्रि में देवी-भक्त पवित्रता और शुद्धतापूर्वक, श्रद्धा से श्रीदेवी-अथर्वशीर्षम् / śrīdevī-atharvaśīrṣam का पाठ करते हैं, जो सब प्रकार से समस्त लोक के लिए कल्याणकारी है।
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वैसे तो यह स्तोत्र गीताप्रेस की पुस्तक पंचदेव अथर्वशीर्ष (कैटेलॉग क्रमांक 1800) से भी उपलब्ध है, किंतु जिनकी रुचि हो, वे ऊपर दी गई लिंक पर क्लिक कर मेरे ही अंग्रेज़ी ब्लॉग में भी देख सकते हैं।
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श्रीदेवीअथर्वशीर्षम् / / śrīdevī-atharvaśīrṣam
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The शारदीय-नवरात्र / śāradīya-navarātra (9 nights of devotion to Goddess) have begin.
One can worship and devote Devi, The Goddess, the Mother Principle Shakti for all well.
However, There are also two more auspicious occasions;
One on 16th October, 2018
And another later on
On 23rd October, 2018
During these 2 nights one can recite the above prayer to Goddess.
One can perform this on the above from the sun-set to the next sun-rise.
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शारदीय नवरात्र प्रारंभ हो चुके हैं।
माँ शक्ति की आराधना करनेवाले आश्विन मास में होनेवाले इस नवरात्र में अपने अपने तरीके से तो माँ की पूजा-आराधना करते हैं किंतु इसी मास में एक विशिष्ट योग बनता है है जिसे
भौमाश्विनी (अमृतसिद्धि-योग) / bhaumāśvinī (amṛtasiddhi-yoga)
कहते हैं।
इस माह के 16 ऑक्टोबर तथा 23 ऑक्टोबर की रात्रि में यह अवसर प्राप्त हो सकता है।
इस रात्रि में देवी-भक्त पवित्रता और शुद्धतापूर्वक, श्रद्धा से श्रीदेवी-अथर्वशीर्षम् / śrīdevī-atharvaśīrṣam का पाठ करते हैं, जो सब प्रकार से समस्त लोक के लिए कल्याणकारी है।
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वैसे तो यह स्तोत्र गीताप्रेस की पुस्तक पंचदेव अथर्वशीर्ष (कैटेलॉग क्रमांक 1800) से भी उपलब्ध है, किंतु जिनकी रुचि हो, वे ऊपर दी गई लिंक पर क्लिक कर मेरे ही अंग्रेज़ी ब्लॉग में भी देख सकते हैं।
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