Vedika Science -7
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अब पच्चीस वस्तुओं से बने गृह-संबंधी दूसरे प्रश्न का उत्तर् सुनिये ।
पाँच महाभूत (पृथ्वी, जल, तेज, वायु और आकाश),
पाँच कर्मेन्द्रियाँ (वाक्, हाथ, पैर, गुदा और लिंग),
पाँच ज्ञानेन्द्रियाँ (कान, नेत्र, रसना, नासिका, और त्वचा),
पाँच विषय (शब्द, रूप, रस, गन्ध और स्पर्श)
तथा मन, बुद्धि, अहंकार, प्रकृति और पुरुष युगल, ये पाँच,
ये वे कुल पच्चीस तत्व हैं यह पच्चीसवाँ तत्व अर्थात् पुरुष ही है, जो सदाशिवस्वरूप है ।
पञ्चभूतानि पञ्चैव कर्मज्ञानेन्द्रियाणि च ।
पञ्च पञ्चापि विषया मनोबुद्ध्यहमेव च ॥
प्रकृतिः पुरुषश्चैव पञ्चविंशः सदाशिवः ।
पञ्चपञ्चभिरेतैस्तु निष्पन्नं गृहमुच्यते ।
(स्कन्दपुराण, माहएश्वरखण्ड, कुमारिकाखण्ड, 3-272, 273, 274)
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इन पच्चीस तत्वों से सम्पन्न हुआ यह शरीर ही गृह अर्थात् घर कहलाता है ।
जो इस शरीर को इस प्रकार से तत्वतः जानता है, वह कल्याणमय परमात्मा को प्राप्त होता है ।
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Now listen to the ANSWER to your next question.
Q : 2.|
pām̐ca mahābhūta (pṛthvī, jala, teja, vāyu and ākāśa),
pām̐ca karmendriyām̐ (vāk, hātha, paira, gudā and liṃga),
pām̐ca jñānendriyām̐ (kāna, netra, rasanā, nāsikā, and tvacā),
pām̐ca viṣaya (śabda, rūpa, rasa, gandha and sparśa)
tathā mana, buddhi, ahaṃkāra, prakṛti and puruṣa yugala, -these 5 (pām̐ca),
Meaning :
5 mahābhūta-s -the world is made of - (earth, water, fire, air, ether),
5 karmendriya-s -organs of action - voice / mouth, arms, legs, organs of excretion, organs of reproduction),
5 jñānendriya-s - senses or organs of perception - (ears, eyes, tongue, nose and skin)
5 viṣaya-s - objects that are perceived through the senses - sound, form / vision, taste, smell and touch.
These are the total 25 elements (tatva).
These 25th elements (tatva) are verily the puruṣa (soul),Who is in fact sadāśivasvarūpa - of the form of sadāśiva (sat-cit-ānanada).
pañcabhūtāni pañcaiva karmajñānendriyāṇi ca |
pañca pañcāpi viṣayā manobuddhyahameva ca ||
prakṛtiḥ puruṣaścaiva pañcaviṃśaḥ sadāśivaḥ |
pañcapañcabhiretaistu niṣpannaṃ gṛhamucyate |
(skandapurāṇa, māhaeśvarakhaṇḍa, kumārikākhaṇḍa, 3-272, 273, 274)
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The 'form' / the body that comes in existence as a result of the combination of these 25 elements is called the 'house'/ gṛha. One who knows the truth of this body in this way attains the Supreme.
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अब पच्चीस वस्तुओं से बने गृह-संबंधी दूसरे प्रश्न का उत्तर् सुनिये ।
पाँच महाभूत (पृथ्वी, जल, तेज, वायु और आकाश),
पाँच कर्मेन्द्रियाँ (वाक्, हाथ, पैर, गुदा और लिंग),
पाँच ज्ञानेन्द्रियाँ (कान, नेत्र, रसना, नासिका, और त्वचा),
पाँच विषय (शब्द, रूप, रस, गन्ध और स्पर्श)
तथा मन, बुद्धि, अहंकार, प्रकृति और पुरुष युगल, ये पाँच,
ये वे कुल पच्चीस तत्व हैं यह पच्चीसवाँ तत्व अर्थात् पुरुष ही है, जो सदाशिवस्वरूप है ।
पञ्चभूतानि पञ्चैव कर्मज्ञानेन्द्रियाणि च ।
पञ्च पञ्चापि विषया मनोबुद्ध्यहमेव च ॥
प्रकृतिः पुरुषश्चैव पञ्चविंशः सदाशिवः ।
पञ्चपञ्चभिरेतैस्तु निष्पन्नं गृहमुच्यते ।
(स्कन्दपुराण, माहएश्वरखण्ड, कुमारिकाखण्ड, 3-272, 273, 274)
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इन पच्चीस तत्वों से सम्पन्न हुआ यह शरीर ही गृह अर्थात् घर कहलाता है ।
जो इस शरीर को इस प्रकार से तत्वतः जानता है, वह कल्याणमय परमात्मा को प्राप्त होता है ।
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Q : 2.|
pām̐ca mahābhūta (pṛthvī, jala, teja, vāyu and ākāśa),
pām̐ca karmendriyām̐ (vāk, hātha, paira, gudā and liṃga),
pām̐ca jñānendriyām̐ (kāna, netra, rasanā, nāsikā, and tvacā),
pām̐ca viṣaya (śabda, rūpa, rasa, gandha and sparśa)
tathā mana, buddhi, ahaṃkāra, prakṛti and puruṣa yugala, -these 5 (pām̐ca),
Meaning :
5 mahābhūta-s -the world is made of - (earth, water, fire, air, ether),
5 karmendriya-s -organs of action - voice / mouth, arms, legs, organs of excretion, organs of reproduction),
5 jñānendriya-s - senses or organs of perception - (ears, eyes, tongue, nose and skin)
5 viṣaya-s - objects that are perceived through the senses - sound, form / vision, taste, smell and touch.
These are the total 25 elements (tatva).
These 25th elements (tatva) are verily the puruṣa (soul),Who is in fact sadāśivasvarūpa - of the form of sadāśiva (sat-cit-ānanada).
pañcabhūtāni pañcaiva karmajñānendriyāṇi ca |
pañca pañcāpi viṣayā manobuddhyahameva ca ||
prakṛtiḥ puruṣaścaiva pañcaviṃśaḥ sadāśivaḥ |
pañcapañcabhiretaistu niṣpannaṃ gṛhamucyate |
(skandapurāṇa, māhaeśvarakhaṇḍa, kumārikākhaṇḍa, 3-272, 273, 274)
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The 'form' / the body that comes in existence as a result of the combination of these 25 elements is called the 'house'/ gṛha. One who knows the truth of this body in this way attains the Supreme.
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