Vedika Science 2
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संक्षिप्त स्कन्दपुराण
(गीताप्रेस गोरखपुर से प्रकाशित C.C. No. 279 से)
माहेश्वर-कुमारिकाखण्ड
(3/ 205-212)
नारदजी कहते हैं,
अर्जुन! मैं देश देश घूमकर विद्यारूपी नेत्रवाले ब्राह्मणों की परीक्षा करता हूँ। यदि वे मेरे प्रश्नों का उत्तर दे देंगे, तब मैं उन्हें दान करूँगा। ऐसा विचार करके मैं उस स्थान से उठा और महर्षियों के आश्रमों पर इन प्रश्न-रूपी श्लोकों का गान करता हुआ विचरण करने लगा।
वे श्लोक इस प्रकार हैं, सुनो -
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मातृकां को विजानाति कतिधा कीदृशाक्षराम् ।
पञ्चपञ्चाद्भुतं गेहं को विजानाति वा द्विजः ॥
बहुरूपां स्त्रियं कर्तुमेकरूपां च वेत्ति कः ।
को वा चित्रकथं बन्धं वेत्ति संसारगोचरः ॥
को वार्णमहाग्राहं वेत्ति विद्यापरायणः ।
को वाष्टविधं ब्राह्मण्यं वेत्ति ब्राह्मणसत्तमः ।
युगानां च चतुर्णां वा को मूलदिवसान् वदेत् ।
चतुर्दशमनूनां वा मूलवारं च वेत्ति कः ॥
कस्मिंश्चैव दिने प्राप पूर्वं वा भास्करो रथम् ।
उद्वेजयति भूतानि कृष्णाहिरिव वेत्ति कः ॥
को वास्मिन् घोरसंसारे दक्षदक्षतमो भवेत् ।
पन्थानावपि द्वौ कश्चिद्वेत्ति वक्ति च ब्राह्मणः ॥
इति मे द्वादश प्रश्नान् ये विदुर्ब्राह्मणोत्तमाः ।
ते मे पूज्यस्तमास्तेषामहमाराधकश्चिरम् ॥
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अर्थ
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1. 'मातृका' को कौन विशेषरूप से जानता है ? वह मातृका कितने प्रकार की और कितने अक्षरोंवाली है?
2. कौन द्विज पचीस वस्तुओं के बने हुए गृह को अच्छी तरह जानता है?
3. अनेक रूपवाली स्त्री को एक रूपवाली बनाने की कला किसे ज्ञात है?
4. संसार में रहनेवाला कौन पुरुष विचित्र कथावाली वाक्य-रचना को जानता है?
5. कौन स्वाध्यायशील ब्राह्मण समुद्र में रहनेवाले महान ग्राह की जानकारी रखता है?
6. किस श्रेष्ठ ब्राह्मण को आठ प्रकार के ब्राह्मणत्व का ज्ञान है?
7. चारों युगों के मूल दिनों को कौन बता सकता है?
8. चौदह मनुओं के मूल दिवस का किसको ज्ञान है?
9. भगवान् सूर्य किस दिन पहले पहल रथ पर सवार हुए?
10.जो काले सर्प की भाँति सब प्राणियों को उद्वेग में डाले रहता है, उसे कौन जानता है?
11. इस भयंकर संसार में कौन दक्ष मनुष्यों से भी अधिक दक्ष माना गया है?
12. कौन ब्राह्मण दोनों मार्गों को जानता और बतलाता है?
जो श्रेष्ठ ब्राह्मण मेरे इन बारह प्रश्नों को जानते हैं, वे मेरे लिए परमपूज्य हैं और मैं उनका चिरकाल तक सेवक बना रहूँगा।
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saṃkṣipta skandapurāṇa
(Excerpts from :
Published by Gita-Press, Gorakhpur, C.C. No.279)
māheśvara-kumārikākhaṇḍa
(3/ 205-212)
Nārada says :
Arjuna! I keep wandering the face of earth examining those Brahmaṇs, who have an eye of wisdom. If they could answer my questions, I would donate them. Thinking in this way, I kept visiting the āshramas of maharṣis singing these questions which are in the form of the following ślokas ;
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mātṛkāṃ ko vijānāti katidhā kīdṛśākṣarām |
pañcapañcādbhutaṃ gehaṃ ko vijānāti vā dvijaḥ ||
bahurūpāṃ striyaṃ kartumekarūpāṃ ca vetti kaḥ |
ko vā citrakathaṃ bandhaṃ vetti saṃsāragocaraḥ ||
ko vārṇamahāgrāhaṃ vetti vidyāparāyaṇaḥ |
ko vāṣṭavidhaṃ brāhmaṇyaṃ vetti brāhmaṇasattamaḥ |
yugānāṃ ca caturṇāṃ vā ko mūladivasān vadet |
caturdaśamanūnāṃ vā mūlavāraṃ ca vetti kaḥ ||
kasmiṃścaiva dine prāpa pūrvaṃ vā bhāskaro ratham |
udvejayati bhūtāni kṛṣṇāhiriva vetti kaḥ ||
ko vāsmin ghorasaṃsāre dakṣadakṣatamo bhavet |
panthānāvapi dvau kaścidvetti vakti ca brāhmaṇaḥ ||
iti me dvādaśa praśnān ye vidurbrāhmaṇottamāḥ |
te me pūjyastamāsteṣāmahamārādhakaściram ||
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Meaning :
Q: 1 - Who knows (the secret of) mātṛkā 'Matrices' / 'The Matrix' ? Of how many kinds and letters is
mātṛkā ?
Q: 2 - Who is such a dvija, who knows well a house made of 25 things?
Q: 3 - Who knows the art of turning a woman of many forms into of one of having a single form?
Q: 4 - In this world who is such a man who knows the story made of mystic notions and cryptic themes?
Q: 5 - Who, is such a man of learning, who in this world, is aware of a crocodile (Sanskrit > नक्रकल: > nakrakalaH) ?
Q: 6 - Who is a such a most noble brāhmaṇa among the brāhmaṇas, who knows the 8 kinds of brāhmaṇatva (qualities in a relatively superior order of being a brāhmaṇa)?
Q:7 - Who knows and can tell what are the respective very first days of the beginning of the 4 'yuga' ?
Q:8 - Who knows and can tell the first such days of the 14 'Manu' who were the foremost Fathers of their respective 'Manvantara' ?
Q: 9 - On what day Lord Sun for the first time, mounted upon His Great Chariot ?
Q: 10 - Who knows the one that, like a black serpent keeps all ever in consternation?
Q: 11 - In this horrible world, Who is said to be skilled even more than the most-skilled?
Q: 12 - Who is such a brāhmaṇa that knows and can show others the 2 paths (of ancient lore) ?
Any of you noble brāhmaṇa, who-so-ever know and could give me answers to these 12 questions, will earn (संस्कृत > अर्ह् > arh > to deserve) my respects and I worship them, and will be ever in their service.
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(गीताप्रेस गोरखपुर से प्रकाशित C.C. No. 279 से)
माहेश्वर-कुमारिकाखण्ड
(3/ 205-212)
नारदजी कहते हैं,
अर्जुन! मैं देश देश घूमकर विद्यारूपी नेत्रवाले ब्राह्मणों की परीक्षा करता हूँ। यदि वे मेरे प्रश्नों का उत्तर दे देंगे, तब मैं उन्हें दान करूँगा। ऐसा विचार करके मैं उस स्थान से उठा और महर्षियों के आश्रमों पर इन प्रश्न-रूपी श्लोकों का गान करता हुआ विचरण करने लगा।
वे श्लोक इस प्रकार हैं, सुनो -
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मातृकां को विजानाति कतिधा कीदृशाक्षराम् ।
पञ्चपञ्चाद्भुतं गेहं को विजानाति वा द्विजः ॥
बहुरूपां स्त्रियं कर्तुमेकरूपां च वेत्ति कः ।
को वा चित्रकथं बन्धं वेत्ति संसारगोचरः ॥
को वार्णमहाग्राहं वेत्ति विद्यापरायणः ।
को वाष्टविधं ब्राह्मण्यं वेत्ति ब्राह्मणसत्तमः ।
युगानां च चतुर्णां वा को मूलदिवसान् वदेत् ।
चतुर्दशमनूनां वा मूलवारं च वेत्ति कः ॥
कस्मिंश्चैव दिने प्राप पूर्वं वा भास्करो रथम् ।
उद्वेजयति भूतानि कृष्णाहिरिव वेत्ति कः ॥
को वास्मिन् घोरसंसारे दक्षदक्षतमो भवेत् ।
पन्थानावपि द्वौ कश्चिद्वेत्ति वक्ति च ब्राह्मणः ॥
इति मे द्वादश प्रश्नान् ये विदुर्ब्राह्मणोत्तमाः ।
ते मे पूज्यस्तमास्तेषामहमाराधकश्चिरम् ॥
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1. 'मातृका' को कौन विशेषरूप से जानता है ? वह मातृका कितने प्रकार की और कितने अक्षरोंवाली है?
2. कौन द्विज पचीस वस्तुओं के बने हुए गृह को अच्छी तरह जानता है?
3. अनेक रूपवाली स्त्री को एक रूपवाली बनाने की कला किसे ज्ञात है?
4. संसार में रहनेवाला कौन पुरुष विचित्र कथावाली वाक्य-रचना को जानता है?
5. कौन स्वाध्यायशील ब्राह्मण समुद्र में रहनेवाले महान ग्राह की जानकारी रखता है?
6. किस श्रेष्ठ ब्राह्मण को आठ प्रकार के ब्राह्मणत्व का ज्ञान है?
7. चारों युगों के मूल दिनों को कौन बता सकता है?
8. चौदह मनुओं के मूल दिवस का किसको ज्ञान है?
9. भगवान् सूर्य किस दिन पहले पहल रथ पर सवार हुए?
10.जो काले सर्प की भाँति सब प्राणियों को उद्वेग में डाले रहता है, उसे कौन जानता है?
11. इस भयंकर संसार में कौन दक्ष मनुष्यों से भी अधिक दक्ष माना गया है?
12. कौन ब्राह्मण दोनों मार्गों को जानता और बतलाता है?
जो श्रेष्ठ ब्राह्मण मेरे इन बारह प्रश्नों को जानते हैं, वे मेरे लिए परमपूज्य हैं और मैं उनका चिरकाल तक सेवक बना रहूँगा।
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saṃkṣipta skandapurāṇa
(Excerpts from :
Published by Gita-Press, Gorakhpur, C.C. No.279)
māheśvara-kumārikākhaṇḍa
(3/ 205-212)
Nārada says :
Arjuna! I keep wandering the face of earth examining those Brahmaṇs, who have an eye of wisdom. If they could answer my questions, I would donate them. Thinking in this way, I kept visiting the āshramas of maharṣis singing these questions which are in the form of the following ślokas ;
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mātṛkāṃ ko vijānāti katidhā kīdṛśākṣarām |
pañcapañcādbhutaṃ gehaṃ ko vijānāti vā dvijaḥ ||
bahurūpāṃ striyaṃ kartumekarūpāṃ ca vetti kaḥ |
ko vā citrakathaṃ bandhaṃ vetti saṃsāragocaraḥ ||
ko vārṇamahāgrāhaṃ vetti vidyāparāyaṇaḥ |
ko vāṣṭavidhaṃ brāhmaṇyaṃ vetti brāhmaṇasattamaḥ |
yugānāṃ ca caturṇāṃ vā ko mūladivasān vadet |
caturdaśamanūnāṃ vā mūlavāraṃ ca vetti kaḥ ||
kasmiṃścaiva dine prāpa pūrvaṃ vā bhāskaro ratham |
udvejayati bhūtāni kṛṣṇāhiriva vetti kaḥ ||
ko vāsmin ghorasaṃsāre dakṣadakṣatamo bhavet |
panthānāvapi dvau kaścidvetti vakti ca brāhmaṇaḥ ||
iti me dvādaśa praśnān ye vidurbrāhmaṇottamāḥ |
te me pūjyastamāsteṣāmahamārādhakaściram ||
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Meaning :
Q: 1 - Who knows (the secret of) mātṛkā 'Matrices' / 'The Matrix' ? Of how many kinds and letters is
mātṛkā ?
Q: 2 - Who is such a dvija, who knows well a house made of 25 things?
Q: 3 - Who knows the art of turning a woman of many forms into of one of having a single form?
Q: 4 - In this world who is such a man who knows the story made of mystic notions and cryptic themes?
Q: 5 - Who, is such a man of learning, who in this world, is aware of a crocodile (Sanskrit > नक्रकल: > nakrakalaH) ?
Q: 6 - Who is a such a most noble brāhmaṇa among the brāhmaṇas, who knows the 8 kinds of brāhmaṇatva (qualities in a relatively superior order of being a brāhmaṇa)?
Q:7 - Who knows and can tell what are the respective very first days of the beginning of the 4 'yuga' ?
Q:8 - Who knows and can tell the first such days of the 14 'Manu' who were the foremost Fathers of their respective 'Manvantara' ?
Q: 9 - On what day Lord Sun for the first time, mounted upon His Great Chariot ?
Q: 10 - Who knows the one that, like a black serpent keeps all ever in consternation?
Q: 11 - In this horrible world, Who is said to be skilled even more than the most-skilled?
Q: 12 - Who is such a brāhmaṇa that knows and can show others the 2 paths (of ancient lore) ?
Any of you noble brāhmaṇa, who-so-ever know and could give me answers to these 12 questions, will earn (संस्कृत > अर्ह् > arh > to deserve) my respects and I worship them, and will be ever in their service.
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