Friday, 10 May 2019

तीसरा नेत्र क्या है?

ज्ञान-चक्षु, दिव्य-चक्षु तथा लौकिक चक्षु,
ज्ञान, भक्ति और वैराग्य,
शिव के तीन नेत्र :
नाद, बिन्दु और कला,
विश्व, तैजस और प्राज्ञ,
अग्नि, सूर्य और चन्द्र,  
कुण्डलिनी-जागरण 
यह छोटा सा वीडियो गागर में सागर है, जिसमें सरल भाषा में उपरोक्त विषयों की प्रामाणिक जानकारी उपलब्ध है। 
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