Sunday, 11 August 2019

Revelation

तरङ्गबिन्दुन्याय -2 
कुछ दिनों पहले  इसी ब्लॉग में 
Delusion, Illusion, Hallucination and Paradox,
शीर्षक से नर्मदा की कथा लिखी थी। 
गरुड़ की कथा भी हातिम ताई के बहाने लिख चुका हूँ।
लेकिन आज जब गरुड़ेश्वर बाँध और नर्मदा नदी की वर्तमान बाढ़ की स्थिति का समाचार देख रहा हूँ,
तो डर लग रहा है कि उक्त पोस्ट में वर्णित घटना कहीं सत्य सिद्ध होनेवाला पूर्वाभास न हो जाए !
जब मैं वर्ष 1984 में ओंकारेश्वर गया था, तो लोगों से सुना था कि नर्मदा को बाँधा नहीं जा सकता,
और न ऐसा यत्न किया जाना चाहिए।
यहाँ तक कि इसका विचार तक मन में नहीं लाया जाना चाहिए।
किन्तु होनी को कौन टाल सकता है?
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