The Sun and The Moon :
The Lord and a Great Friend.
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मित्रवत् सर्वभूतेषु पितृवत् यो अर्यमा।
ग्रीष्मे तपति तप्यते शिशिरे हरति शैत्यं सः।।
चन्द्रमा तस्य मित्रो सोम सैव रसात्मको।
पूषन् पोषयति पृथ्वीं ओषधीभ्यः तथा शशि।।
ॐ मित्राय नमः।।
ॐ नमो मित्राभ्याम् ।।
ॐ नमो मित्रेभ्यः।।
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मित्र नामक सूर्य, समस्त भूत प्राणिमात्र का परम श्रेष्ठ मित्र है, अर्यमा नामक सूर्य सबका पिता है, जो ग्रीष्म ऋतु में तप करता हुआ प्राणिमात्र को तप करने की शिक्षा देता है और शिशिर ऋतु में सबका शीत हरता है।
जिस प्रकार सोम नामक चन्द्रमा जो सूर्य का मित्र है और सोम के रूप में रसात्मक है, अन्न तथा ओषधियों से उसी प्रकार से पूरी पृथ्वी का पोषक है जैसे पूषन् नामक सूर्य प्राण से समस्त भूत प्राणिमात्र का पोषण करता है।
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The Lord Sun who as 'मित्र' is friend of all beings, is also as 'अर्यमा' the Father Supreme of all Life.
The Lord keeps performing austerities and Penance during the summers, while taking away the cold during the winters, giving us light and heat.
The Lord Moon who as 'सोम' is of the form of nectar and feeds the earth by means of food and vegetables, fruits and herbs, medicines and juice.
While the Moon gives us the 'Consciousness', the Sun nourishes us by means of
प्राण (the vital breath).
The two friends together are the Great and true friends of all who give out the gifts for us all.
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Obeisance to every friend;
Obeisance to these two Great friends;
Obeisance to all Great friends.
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Happy Friend's Day !
मैत्री-दिवस की शुभकामनाएँ !
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The Lord and a Great Friend.
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मित्रवत् सर्वभूतेषु पितृवत् यो अर्यमा।
ग्रीष्मे तपति तप्यते शिशिरे हरति शैत्यं सः।।
चन्द्रमा तस्य मित्रो सोम सैव रसात्मको।
पूषन् पोषयति पृथ्वीं ओषधीभ्यः तथा शशि।।
ॐ मित्राय नमः।।
ॐ नमो मित्राभ्याम् ।।
ॐ नमो मित्रेभ्यः।।
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मित्र नामक सूर्य, समस्त भूत प्राणिमात्र का परम श्रेष्ठ मित्र है, अर्यमा नामक सूर्य सबका पिता है, जो ग्रीष्म ऋतु में तप करता हुआ प्राणिमात्र को तप करने की शिक्षा देता है और शिशिर ऋतु में सबका शीत हरता है।
जिस प्रकार सोम नामक चन्द्रमा जो सूर्य का मित्र है और सोम के रूप में रसात्मक है, अन्न तथा ओषधियों से उसी प्रकार से पूरी पृथ्वी का पोषक है जैसे पूषन् नामक सूर्य प्राण से समस्त भूत प्राणिमात्र का पोषण करता है।
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The Lord Sun who as 'मित्र' is friend of all beings, is also as 'अर्यमा' the Father Supreme of all Life.
The Lord keeps performing austerities and Penance during the summers, while taking away the cold during the winters, giving us light and heat.
The Lord Moon who as 'सोम' is of the form of nectar and feeds the earth by means of food and vegetables, fruits and herbs, medicines and juice.
While the Moon gives us the 'Consciousness', the Sun nourishes us by means of
प्राण (the vital breath).
The two friends together are the Great and true friends of all who give out the gifts for us all.
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Obeisance to every friend;
Obeisance to these two Great friends;
Obeisance to all Great friends.
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Happy Friend's Day !
मैत्री-दिवस की शुभकामनाएँ !
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