अपने एक अन्य ब्लॉग
Hindi-ka-blog
में एक कविता अभी पोस्ट की।
उसे ही यहाँ उद्धृत करने का लोभ संवरित न कर सका।
--
दृष्टिकोण / एक नज़रिया जीवन को देखने का यह भी तो हो सकता है !
सुख कहाँ नहीं है?
--
शीत में धूप का सुख,
ग्रीष्म में छाया का,
माया में ब्रह्म का सुख,
ब्रह्म में माया का,
देह में प्राणों का सुख,
प्राणों में काया का,
काया में जगत का सुख,
सुख में सब समाया सा।
--
कविता
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में एक कविता अभी पोस्ट की।
उसे ही यहाँ उद्धृत करने का लोभ संवरित न कर सका।
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दृष्टिकोण / एक नज़रिया जीवन को देखने का यह भी तो हो सकता है !
सुख कहाँ नहीं है?
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शीत में धूप का सुख,
ग्रीष्म में छाया का,
माया में ब्रह्म का सुख,
ब्रह्म में माया का,
देह में प्राणों का सुख,
प्राणों में काया का,
काया में जगत का सुख,
सुख में सब समाया सा।
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