चिरञ्जीवी ! / cirañjīvī !
--
Being invisible while being still alive,
Is such a great, wonderful phenomenon.
Those who stay invisible like this,
Though see those others who but can't,
But do love them and even adore,
Show, let them know their presence,
Like Veda-VyAsa, HanumAna, or Bali,
Who bless them and speak to them,
In the language, tone of their mother-tongue,
Which the listeners can do listen to,
With rapt attention and are convinced,
Still alive, transient is though that too!
The life that looks transient to the visible,
For them is no there than the timeless one.
--
Hindi Translation :
जीवित रहते हुए भी अदृश्य बने रहना,
कितनी आश्चर्यप्रद घटना है, अनुभव है!
जो इस प्रकार से अदृश्य रहा करते हैं,
देखते हैं दूसरों को, पर दूसरे उन्हें नहीं,
फिर भी उन्हें स्नेह होता है उन सबसे,
जो उनकी पूजा करते हैं आदर करते हैं,
वे प्रकट करते हैं बस उनके ही सामने,
जीवित होते हुए अदृश्य होने का रहस्य,
महर्षि वेद व्यास, हनुमान अथवा बलि,
वे आशीष देते हैं और देते हैं वरदान भी,
उनकी अपनी मातृभाषा, उनकी भाषा में,
और जागृत होती है उनकी निष्ठा तब,
जानते हैं नित्य में अनित्य के रहस्य को,
अनित्य नित्य में काल से परे के सत्य को,
उनके लिए जीवन दृश्य होते हुए अनित्य,
और अदृश्य होते हुए भी होता है, नित्य ।
--
--
Being invisible while being still alive,
Is such a great, wonderful phenomenon.
Those who stay invisible like this,
Though see those others who but can't,
But do love them and even adore,
Show, let them know their presence,
Like Veda-VyAsa, HanumAna, or Bali,
Who bless them and speak to them,
In the language, tone of their mother-tongue,
Which the listeners can do listen to,
With rapt attention and are convinced,
Still alive, transient is though that too!
The life that looks transient to the visible,
For them is no there than the timeless one.
--
Hindi Translation :
जीवित रहते हुए भी अदृश्य बने रहना,
कितनी आश्चर्यप्रद घटना है, अनुभव है!
जो इस प्रकार से अदृश्य रहा करते हैं,
देखते हैं दूसरों को, पर दूसरे उन्हें नहीं,
फिर भी उन्हें स्नेह होता है उन सबसे,
जो उनकी पूजा करते हैं आदर करते हैं,
वे प्रकट करते हैं बस उनके ही सामने,
जीवित होते हुए अदृश्य होने का रहस्य,
महर्षि वेद व्यास, हनुमान अथवा बलि,
वे आशीष देते हैं और देते हैं वरदान भी,
उनकी अपनी मातृभाषा, उनकी भाषा में,
और जागृत होती है उनकी निष्ठा तब,
जानते हैं नित्य में अनित्य के रहस्य को,
अनित्य नित्य में काल से परे के सत्य को,
उनके लिए जीवन दृश्य होते हुए अनित्य,
और अदृश्य होते हुए भी होता है, नित्य ।
--
No comments:
Post a Comment