श्रीदासबोधः
--
॥श्रीराम ॥
समासो प्रथमः
ग्रंथारंभः
॥ श्रीराम ॥
पृच्छन्ति श्रोताः क ग्रंथो (अयम्) । किं निगदितमत्र । किं च फलप्राप्तिः । श्रवणेनास्य ॥1
ग्रंथनाम दासबोधः । गुरुशिष्ययोर्संवादो । निगदितो विशदैः । भक्तिमार्गः ।2
नवविधाभक्तिज्ञानौ । उक्तं च वैराग्यलक्षणम् । बहुधा आत्मनिरूपणं । प्रदिष्टवान् ॥3
भक्त्युपायेन देवो । प्राप्नोति जनः न संशयो । तथैव त्वभिप्रायो । ग्रंथे अस्मिन् ॥4
प्रधानभक्तेर्निश्चयो । शुद्धज्ञाननिश्चयो । आत्मस्थितेर्निश्चयो । उक्तवानत्र ॥5
--
॥ श्रीरामनवमी की शुभकामनाएँ ॥
--
श्रीदासबोध
--
॥ श्रीराम ॥
पूछते हैं श्रोता, कौन सा ग्रन्थ है यह?
इसमें क्या बतलाया गया है ?
और क्या है फलप्राप्ति ?
इसके श्रवण की ॥1
ग्रंथ का नाम है 'दासबोध' ।
गुरुशिष्यों का संवाद ।
विशदता से वर्णित ।
भक्तिमार्ग ॥2
नवविधा भक्ति और ज्ञान ।
वैराग्यलक्षण का वर्णन ।
बहुधा आत्मनिरूपण ।
निर्दिष्ट यहाँ ॥3
भक्ति से ही भगवान ।
मिलता है निःसन्देह ।
यही है अभिप्राय ।
इस ग्रंथ का ॥4
प्रधानभक्ति का निश्चय ।
शुद्धज्ञान का निश्चय ।
आत्मस्थिति का निश्चय ।
कहा गया है यहाँ ॥5
--
--
॥श्रीराम ॥
समासो प्रथमः
ग्रंथारंभः
॥ श्रीराम ॥
पृच्छन्ति श्रोताः क ग्रंथो (अयम्) । किं निगदितमत्र । किं च फलप्राप्तिः । श्रवणेनास्य ॥1
ग्रंथनाम दासबोधः । गुरुशिष्ययोर्संवादो । निगदितो विशदैः । भक्तिमार्गः ।2
नवविधाभक्तिज्ञानौ । उक्तं च वैराग्यलक्षणम् । बहुधा आत्मनिरूपणं । प्रदिष्टवान् ॥3
भक्त्युपायेन देवो । प्राप्नोति जनः न संशयो । तथैव त्वभिप्रायो । ग्रंथे अस्मिन् ॥4
प्रधानभक्तेर्निश्चयो । शुद्धज्ञाननिश्चयो । आत्मस्थितेर्निश्चयो । उक्तवानत्र ॥5
--
॥ श्रीरामनवमी की शुभकामनाएँ ॥
--
श्रीदासबोध
--
॥ श्रीराम ॥
पूछते हैं श्रोता, कौन सा ग्रन्थ है यह?
इसमें क्या बतलाया गया है ?
और क्या है फलप्राप्ति ?
इसके श्रवण की ॥1
ग्रंथ का नाम है 'दासबोध' ।
गुरुशिष्यों का संवाद ।
विशदता से वर्णित ।
भक्तिमार्ग ॥2
नवविधा भक्ति और ज्ञान ।
वैराग्यलक्षण का वर्णन ।
बहुधा आत्मनिरूपण ।
निर्दिष्ट यहाँ ॥3
भक्ति से ही भगवान ।
मिलता है निःसन्देह ।
यही है अभिप्राय ।
इस ग्रंथ का ॥4
प्रधानभक्ति का निश्चय ।
शुद्धज्ञान का निश्चय ।
आत्मस्थिति का निश्चय ।
कहा गया है यहाँ ॥5
--
No comments:
Post a Comment