Just For Record....2.
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A passage from skanda-purANa :
Chapter 22.
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कलाप ग्रामनिवासी सुतनु द्वारा नारदजी के जटिल प्रश्नों का समाधान -
नारदजी कहते हैं - अर्जुन! मैं देश-देश घूमकर विद्यारूपी नेत्रवाले ब्राह्मणों की परीक्षा करता हूँ। यदि वे मेरे प्रश्नों का उत्तर दे देंगे, तब मैं उन्हें दान करूँगा। ऐसा विचार करके मैं उस स्थान से उठा और महर्षियों के आश्रमों पर इन प्रश्नरूपी श्लोकों का गान करता हुआ विचरण करने लगा। वे श्लोक इस प्रकार हैं, सुनो…
मातृकां को विजानाति कतिधा कीदृशाक्षराम्।
पञ्चपञ्चाद्भुतं गेहं को विजानाति वा द्विजः ॥
बहुरूपां स्त्रियं कर्तुमेकरूपां च वेत्ति कः।
को वा …
'मातृका' में 52 अक्षर बताए गए हैं उनमें सबसे प्रथम अक्षर ॐ कार है। उसके सिवा 14 स्वर 33 व्यञ्जन, अनुस्वार, विसर्ग, जिह्वामूलीय तथा उपध्मानीय -ये सब मिलकर 52 मातृका (Matrics / Matrix) वर्ण माने गए हैं।
.......
.......
'क' लेकर 'ह' तक 33 देवता हैं।
'क' लेकर 'ठ' तक तो 12 'आदित्य' माने गए हैं।
'ड' से लेकर 'ब' तक अक्षर हैं , वे 11 'रुद्र' हैं।
'भ' से लेकर 'ष' तक 8 'वसु' माने गए हैं।
'स' और 'ह' - दोनों 'अश्विनीकुमार' हैं।
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A passage from skanda-purANa :
Chapter 22.
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The 'Pantheon' (the family) of divine manifestations has these 33 members.
The 52 letters (varNa) form the whole Matrix.
Letters :
ka, kha, ga, gha, ~Ga,
c, cha, ja, jha, ~Ja,
'Ta', 'Tha' 'Da', 'Dha', 'Na',
'ta', 'tha', 'da', 'dha', na',
'pa' 'pha', 'ba', 'bha', 'ma',
'ya', 'ra', 'la', va', sha', 'Sha',
'sa' and 'ha',
Are the 33 letters in the above Matrix that are 'devatA'
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A passage from skanda-purANa :
Chapter 22.
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कलाप ग्रामनिवासी सुतनु द्वारा नारदजी के जटिल प्रश्नों का समाधान -
नारदजी कहते हैं - अर्जुन! मैं देश-देश घूमकर विद्यारूपी नेत्रवाले ब्राह्मणों की परीक्षा करता हूँ। यदि वे मेरे प्रश्नों का उत्तर दे देंगे, तब मैं उन्हें दान करूँगा। ऐसा विचार करके मैं उस स्थान से उठा और महर्षियों के आश्रमों पर इन प्रश्नरूपी श्लोकों का गान करता हुआ विचरण करने लगा। वे श्लोक इस प्रकार हैं, सुनो…
मातृकां को विजानाति कतिधा कीदृशाक्षराम्।
पञ्चपञ्चाद्भुतं गेहं को विजानाति वा द्विजः ॥
बहुरूपां स्त्रियं कर्तुमेकरूपां च वेत्ति कः।
को वा …
'मातृका' में 52 अक्षर बताए गए हैं उनमें सबसे प्रथम अक्षर ॐ कार है। उसके सिवा 14 स्वर 33 व्यञ्जन, अनुस्वार, विसर्ग, जिह्वामूलीय तथा उपध्मानीय -ये सब मिलकर 52 मातृका (Matrics / Matrix) वर्ण माने गए हैं।
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'क' लेकर 'ह' तक 33 देवता हैं।
'क' लेकर 'ठ' तक तो 12 'आदित्य' माने गए हैं।
'ड' से लेकर 'ब' तक अक्षर हैं , वे 11 'रुद्र' हैं।
'भ' से लेकर 'ष' तक 8 'वसु' माने गए हैं।
'स' और 'ह' - दोनों 'अश्विनीकुमार' हैं।
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A passage from skanda-purANa :
Chapter 22.
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The 'Pantheon' (the family) of divine manifestations has these 33 members.
The 52 letters (varNa) form the whole Matrix.
Letters :
ka, kha, ga, gha, ~Ga,
c, cha, ja, jha, ~Ja,
'Ta', 'Tha' 'Da', 'Dha', 'Na',
'ta', 'tha', 'da', 'dha', na',
'pa' 'pha', 'ba', 'bha', 'ma',
'ya', 'ra', 'la', va', sha', 'Sha',
'sa' and 'ha',
Are the 33 letters in the above Matrix that are 'devatA'
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