सुप्रभात!
सर्वे भवन्तु सुखिनः
सर्वे सन्तु निरामयाः ।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु,
न कश्चिद्दुःखमप्नुयात् ॥
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उड़ीसा भगवान जगन्नाथ का अपना स्थान है, वहाँ पर होनेमात्र से बड़ा सौभाग्य जीवन में दूसरा नहीं है, मेरी बात पर भरोसा न हो तो ’स्कन्दपुराण’ में ’उत्कल-माहात्म्य’ या श्रीमद्भाग्वत् का एक गंभीर अध्ययन कर लीजिए । हमारा यह दुर्भाग्य ही या प्रमाद ही है कि हम तीर्थस्थानों को ’तप’ करने के स्थान की बजाय ’भोग’ और ’मनोरंजन’ करने का स्थान समझते हैं । तीर्थस्थानों पर किए हुए पापों और पुण्यों सभी का फल सहस्रगुना हो जाता है । ’टूरिज़्म’ के नाम पर हम पूरे संसार को नरक में ढकेलते जा रहे हैं ।
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सर्वे भवन्तु सुखिनः
सर्वे सन्तु निरामयाः ।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु,
न कश्चिद्दुःखमप्नुयात् ॥
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उड़ीसा भगवान जगन्नाथ का अपना स्थान है, वहाँ पर होनेमात्र से बड़ा सौभाग्य जीवन में दूसरा नहीं है, मेरी बात पर भरोसा न हो तो ’स्कन्दपुराण’ में ’उत्कल-माहात्म्य’ या श्रीमद्भाग्वत् का एक गंभीर अध्ययन कर लीजिए । हमारा यह दुर्भाग्य ही या प्रमाद ही है कि हम तीर्थस्थानों को ’तप’ करने के स्थान की बजाय ’भोग’ और ’मनोरंजन’ करने का स्थान समझते हैं । तीर्थस्थानों पर किए हुए पापों और पुण्यों सभी का फल सहस्रगुना हो जाता है । ’टूरिज़्म’ के नाम पर हम पूरे संसार को नरक में ढकेलते जा रहे हैं ।
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