आध्यात्मिक दीक्षा / The Initiation.
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दीक्षा ईश्वरीय कार्य है, जो ईश्वरीय अनुग्रह शक्ति का उल्लास है। उपदेश-सार के अध्ययन का प्रयोजन है, बहिर्मुखी मन को बाहर से भीतर की ओर लाना अर्थात् अन्तर्मुख करना। इसका दूसरा प्रयोजन है, बिखरे हुए अवधान को एकत्र कर चित्त को एकाग्र करना ।
पूजन, जप-ध्यान तथा चिन्तन से क्रमशः इसी दिशा में अग्रसर हुआ जा सकता है।
मन के तीन तत्त्व क्रमशः अवधान, प्राण एवं वृत्ति की तरह व्यक्त होते हैं। ये तीनों पुनः मन की जाग्रत, स्वप्न तथा सुषुप्ति की दशा में भिन्न भिन्न स्थितियों में होते हैं। अवधान मन की जागृति की दशा में स्पष्ट होता है, स्वप्न की दशा में कल्पना से मोहित होता है तथा सुषुप्ति की दशा में लीन या समाहित (absorbed / merged) होता है।
मन के तथा प्राणों के लय को ही पातञ्जल योग में चित्तवृत्ति का निरोध भी कहा गया है। इसे ही इन्द्रिय-निग्रह व मनोनिग्रह भी कहा जा सकता है। मन तथा प्राणों को एकाग्र कर लेने पर उनका लय अथवा नाश हो सकता है। वैसे तो मृत्यु में भी इनका नाश नहीं होता, किन्तु मनुष्य के जीवित होने की अवस्था में लय का अर्थ है इन्द्रिय-निग्रह एवं मनोनिग्रह, एवं नाश का अर्थ है समाधि या आत्म-ज्ञान जो आत्म-साक्षात्कार की ही भूमिका है। यद्यपि इस प्रकार की समाधि या आत्म-ज्ञान में मनुष्य को परम ज्ञान प्राप्त हो जाता है, किन्तु पूर्व-संस्कारों के कारण शरीर रहने तक उसके कर्म प्रारब्ध से संचालित होते हैं।
उपदेश-सार में ऐसे ही मनुष्य को नष्ट-मानस कहा गया है। उसे ही उत्कृष्ट योगी भी कहा गया है।
मन का लय अथवा नाश क्रमशः प्राणबन्धन अर्थात् प्राणों को निरुद्ध कर लेने से, और एकचिन्तन इन दो विधियों से होता है।
प्राणबन्धनाल्लीन मानसः।
एकचिन्तनान्नाशमेत्यदः।।
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शब्दानुक्रमणिका / Terminology :
मन - mind, चित्त - state of mind, वृत्ति - mode of mind, प्राण - the vital force that prompts the various physical and mental activities, अहंकार - sense if being a person, ego, self, अहम् - Self, आत्मा -Self, लय - dissolution / suspension, नाश - extinction, अवधान - awareness, ध्यान - the attention on one or more than one specific objects at the same time, जप-ध्यान - reciting a mantra while keeping attention focussed on the same, letting not the attention divert to other objects, चिन्तन - meditation, consciousness of / contemplation keeping attention focussed upon a particular object, दीक्षा - initiation.
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