व् उ हान
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वुहान या वूहान से फैला कोरोना वायरस एक संकेत है कि हमें यदि विश्व के कल्याण की चिन्ता है तो शीघ्रमेव वैदिक धर्म को विश्वधर्म की तरह अपनाना होगा .
वैदिक यज्ञ के ब्राह्मण-धर्म, कृषि-गौरक्ष्य तथा वाणिज्य के वैश्य धर्म, चर्या के शूद्र-धर्म तथा गौ-ब्राह्मण की रक्षा के क्षत्रिय-धर्म पर आधारित वर्ण-व्यवस्था तथा प्रकृति-प्रदत्त आश्रम संस्कृति ही स्थायी समाधान है.
गीता ४ २८ तथा ४ ३३ में कहा गया है कि जहाँ आधिभौतिक और आधिदैविक स्तर पर द्रव्ययज्ञ से वातावरण विषाणुओं से मुक्त होता है वहीं ज्ञान-यज्ञ के द्वारा ब्रह्म की प्राप्ति होती है.
मशीनीकरण और केवल भौतिक स्थूल वैज्ञानिक प्रगति आज हमें महाविनाश के द्वार पर ले आई है.
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वुहान या वूहान से फैला कोरोना वायरस एक संकेत है कि हमें यदि विश्व के कल्याण की चिन्ता है तो शीघ्रमेव वैदिक धर्म को विश्वधर्म की तरह अपनाना होगा .
वैदिक यज्ञ के ब्राह्मण-धर्म, कृषि-गौरक्ष्य तथा वाणिज्य के वैश्य धर्म, चर्या के शूद्र-धर्म तथा गौ-ब्राह्मण की रक्षा के क्षत्रिय-धर्म पर आधारित वर्ण-व्यवस्था तथा प्रकृति-प्रदत्त आश्रम संस्कृति ही स्थायी समाधान है.
गीता ४ २८ तथा ४ ३३ में कहा गया है कि जहाँ आधिभौतिक और आधिदैविक स्तर पर द्रव्ययज्ञ से वातावरण विषाणुओं से मुक्त होता है वहीं ज्ञान-यज्ञ के द्वारा ब्रह्म की प्राप्ति होती है.
मशीनीकरण और केवल भौतिक स्थूल वैज्ञानिक प्रगति आज हमें महाविनाश के द्वार पर ले आई है.
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